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कविता

नरम खामोशी

पुष्पिता अवस्थी


प्रेम
अनुभूतियों का अन्वेषक है
प्रेम
अपने जीवन में
रचा है - नया जीवन

खोजता है -
स्नेह-सृजन के नूतन स्रोत

प्रेमानुभूति का तरल-पथ
अभिव्यक्ति की नरम खामोशी
अनुभूति का मौनानंद
अनकहा -
पर भीतर-ही-भीतर
सबकुछ कहता हुआ
जिसे पहली बार सुनती है - आत्मा
और समझ पाती है -
प्रेम-सुख का अर्थ
जो
देह से उपजता है
देह से परे जाकर


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हिंदी समय में पुष्पिता अवस्थी की रचनाएँ



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